नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा तीन दिवसीय छात्र संसद का आयोजन 9 से 11 मार्च को दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में किया जाएगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में देशभर के छात्र प्रतिनिधि, शिक्षाविद, नीति-निर्माता और समाजसेवी एक मंच पर इकट्ठा होंगे, जहां वह शिक्षा, नेतृत्व, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे। इस छात्र संसद का उद्देश्य छात्रों को सामाजिक समस्याओं के समाधान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना और उन्हें राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का अहसास दिलाना है।
9 मार्च को आयोजित होने वाली जनजातीय छात्र युवा संसद में देशभर से वनवासी क्षेत्रों के छात्र भाग लेंगे। यह संसद मुख्य रूप से जनजातीय समाज की शिक्षा, उनके अधिकारों की रक्षा, रोजगार के अवसरों और उनकी सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति पर चर्चा करेगी। इस सत्र में 124 से अधिक जनजातियों के छात्र शामिल होंगे, जिनमें बैगा, शहरिया, मारिया और मोडिया जैसी अति पिछड़ी जनजातियों के छात्र भी अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं पर विचार करेंगे। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके इस सत्र के मुख्य अतिथि होंगे और जनजातीय क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु केंद्र की नीतियों पर अपने विचार साझा करेंगे।
10 मार्च को आयोजित होने वाली छात्रा संसद का उद्देश्य छात्राओं को समाज में नेतृत्व देने और उनकी शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, और समाज में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाना है। इस सत्र में भारत 2047 में महिलाओं की सहभागिता, उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधित मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। इस आयोजन में 250 से अधिक छात्राओं की भागीदारी होगी, जो देशभर के विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधित्व करेंगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर इस सत्र की मुख्य अतिथि होंगी और महिलाओं की सामाजिक और राष्ट्रीय भूमिका पर अपने विचार रखेंगी।
वहीं, 11 मार्च को होने वाली पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत और शेष भारत के बीच राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इस सत्र में पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के छात्र संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह संसद क्षेत्रीय शांति, सौहार्द और विकास को बढ़ावा देने, स्थानीय संस्कृति, परंपरा, शिक्षा और भाषा के संरक्षण में छात्र संगठनों की भूमिका को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगी। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह इस सत्र के मुख्य अतिथि होंगे और जनजातीय विकास, उनके अधिकारों और आर्थिक अवसरों पर छात्रों से संवाद करेंगे।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, "यह तीन दिवसीय छात्र संसद केवल एक चर्चा का मंच नहीं, बल्कि युवाओं की आवाज को नीति-निर्माण तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। यह आयोजन छात्रों को सामाजिक समस्याओं को समझने, समाधान सुझाने और राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर देगा। हमारा मानना है कि युवा ही देश के भविष्य की दिशा तय करते हैं, और यह छात्र संसद भारत के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।"